राइट्सस्टेटमैंट.ऑर्ग (RightsStatements.org) 12 अलग-अलग न्यायसंगत कथन प्रदान करता है जिनका उपयोग सांस्कृतिक विरासत संगठनों द्वारा जनसाधारण को डिजिटल सामग्री की प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) एवं पुन: उपयोग की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए किया जा सकता है। । न्यायसंगत कथन मानव उपयोगकर्ताओं और मशीन उपयोगकर्ताओं (जैसे खोज इंजन) दोनों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किए गए हैं और लिंक किए गए डेटा के रूप में उपलब्ध कराए गए हैं। प्रत्येक न्यायसंगत कथन एक अद्वितीय यूआरएल में स्थित है।
न्यायसंगत कथन विशेष रूप से सांस्कृतिक विरासत संगठनों और ऑनलाइन सांस्कृतिक विरासत समूह प्लेटफार्मों की आवश्यकताओं के लिए विकसित किए गए हैं और इनका उपयोग व्यक्तियों द्वारा अपनी रचनाओं का लाइसेंस देने हेतु नहीं किया जा सकता है। (यदि आप अपने कार्यों को लाइसेंस देने के लिए एक ऊपकरण की तलाश में हैं तो आपको क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंसों) में से एक का उपयोग करने पर (विचार करना चाहिए)।
न्यायसंगत कथन तीन श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं : उन कार्यों के लिए कथन जो प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) में हैं, उन कार्यों के लिए कथन जो प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) में नहीं हैं और उन कार्यों के लिए कथन जहां प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) स्थिति स्पष्ट नहीं है। ये कथन अन्य प्रयोक्ता को डिजिटल स्थिति के विषय में आसानी से समझ में आने वाली उच्च स्तरीय जानकारी प्रदान करते हैं। अस्पष्ट प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) स्थिति वाली सामग्री के लिए दो कथनों के अपवाद के साथ, ये कथन केवल तभी प्रयोग में लाए जाने चाहिए जब किसी कार्य के प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) की स्थिति स्थापित कर ली जाती है। आप दस्तावेज खंड में न्यायसंगत कथनों के प्रयोग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
निम्नलिखित पांच न्यायसंगत कथनों का आशय उन डिजिटल सामग्री के संबंध में प्रयोग करना है जो प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट)में हैं। यदि आपका संगठन ऐसी सामग्री के लिए अधिकारधारक है तथा पुनः प्रयोग को प्रोत्साहित करना चाहता है, तो आपको मुक्त क्रिएटिव कॉमंस लाइसेंस के अंतर्गत उपलब्ध सामग्री बनाने पर विचार करना चाहिए।
यह न्यायसंगत कथन किसी सामग्री के लिए उपयोग किया जा सकता है जो प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) में है। इस कथन का उपयोग करने का तात्पर्य यह है कि इस सामग्री को उपलब्ध कराने वाले संगठन ने यह निर्धारित किया है कि यह सामग्री प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) में है और या तो अधिकार धारक है, अधिकार धारक (कों) से उनके कार्य को उपलब्ध कराने के लिए अनुमति प्राप्त है अथवा सामग्री अपवाद या प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) की सीमा के तहत उपलब्ध है जो सामग्री को उपलब्ध कराने के लिए पात्र बनाता है।
यह न्यायसंगत कथन उन सामग्री के साथ उपयोग के लिए है, जिनके लिए अंतर्निहित कार्य को अज्ञात कार्य (ऑर्फन वर्क) के कुछ अनुमत उपयोगों पर यूरोपीय संसद के निर्देश 2012/28 / ईयू और 25 अक्टूबर 2012 की परिषद के अनुसार अज्ञात (आर्फन) कार्य के रूप में पहचाना गया है। इसे केवल उन कार्यों से प्राप्त सामग्री पर लागू किया जा सकता है जो निर्देश के अंतर्गत आते हैं: पुस्तकों, पत्रिकाओं, समाचार पत्रों, पत्रिकाओं या अन्य लेखों के रूप में प्रकाशित कार्य, साथ ही छायांकन या दृश्यश्रव्य कार्यों (ऑडियोविज़ुअल वर्क्स) और फोनोग्राम (नोट: इसमें फोटोग्राफी और दृश्य कला शामिल नहीं है )। इसे केवल उन संगठनों द्वारा लागू किया जा सकता है जो निर्देश के लाभार्थी हैं: यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में से किसी में स्थापित सार्वजनिक रूप से सुलभ पुस्तकालयों, शैक्षणिक प्रतिष्ठानों और संग्रहालयों, अभिलेखागार, फिल्म या श्रव्य विरासत संगठनों और सार्वजनिक सेवा प्रसारण संगठन। लाभार्थी से ईयूआईपीओ द्वारा बनाए गए ईयू अज्ञात वर्क्स डेटाबेस में कार्य को पंजीकृत कराने की भी अपेक्षा है।
यह न्यायसंगत कथन केवल प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) की गई सामग्री के लिए उपयोग किया जा सकता है जिसके लिए सामग्री उपलब्ध कराने वाला संगठन अधिकार धारक है या अधिकार धारकों द्वारा स्पष्ट रूप से अधिकृत किया गया है ताकि तृतीय पक्षों को, पहले अनुमति प्राप्त किए बिना गैर वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए उनके कार्यों को उपयोग करने की अनुमति मिल सके।
यह न्यायसंगत कथन उस सामग्री के उपयोग के लिए है, जिसे प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) में पहचान लिया गया है, लेकिन जिसके लिए कुछ उचित जांच के बाद भी कोई अधिकार धारक (कों) की पहचान नहीं हो सकी है अथवा पता नहीं मिला है। यह न्यायसंगत कथन केवल तभी उपयोग किया जाना चाहिए जब संगठन जो सामग्री उपलब्ध कराने का इच्छुक है, वह पर्याप्त रुप से निश्चिंत है कि अंतर्निहित कार्यप्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट)में है। यह न्यायसंगत कथन ईयू-आधारित संगठनों द्वारा उपयोग के लिए नहीं है, जिन्होंने ईयू अज्ञात कार्य के अनुसार अज्ञात कार्यों के रूप में कार्य की पहचान की है (उन्हें इसके बजाय आईएनसी-ओडब्ल्यू-ईयू का उपयोग करना होगा)।
यह न्यायसंगत कथन केवल कॉपीराइट की गई सामग्री के लिए उपयोग किया जा सकता है जिसके लिए सामग्री उपलब्ध कराने वाला संगठन अधिकार धारक है या अधिकार धारकों द्वारा स्पष्ट रूप से अधिकृत किया गया है ताकि तृतीय पक्षों को, पहले अनुमति प्राप्त किए बिना शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए अपने कार्य (ओं) का उपयोग करने की अनुमति दी जा सके।
निम्नलिखित चार न्यायसंगत कथनों का आशय ऐसे कार्यों के लिए है जो प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट)में नहीं हैं परंतु जहां प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) के अलावा ऐसे प्रतिबंध मौजूद हैं जो पुनः मुक्त प्रयोग का निवारण करते हैं अथवा जहां प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) बाह्य स्थिति केवल किसी निर्दिष्ट अधिकारिता के लिए ही निर्धारित की गई है। इन कथनों का प्रयोग केवल तभी किया जाना चाहिए जब सार्वजनिक कार्यवर्ग मार्क अथवा सीसीओ सार्वजनिक कार्यवर्ग समर्पण (पब्लिक डोमेन मार्क अथवा सीसीओ पब्लिक डोमेन डैडीकेशन) का प्रयोग करना संभव नहीं है।
यह न्यायसंगत कथन केवल उन कार्यों के लिए उपयोग किया जा सकता है जो सार्वजनिक कार्यवर्ग में हैं और सार्वजनिक-निजी साझेदारी में डिजिटलीकृत किए गए हैं, जिनमें से साझेदार तीसरे पक्ष द्वारा कार्य के डिजिटल प्रतिनिधित्व के वाणिज्यिक उपयोग को सीमित करने पर सहमत हुए हैं। यह विशेष रूप से यूरोपीय पुस्तकालयों और गूगल के बीच साझेदारी के हिस्से के रूप में डिजिटलीकृत किए गए कार्यों को शामिल करने की अनुमति देने के लिए विकसित किया गया है, लेकिन सिद्धांत रूप में उन सार्वजनिक सामग्रिओं पर लागू किया जा सकता है जिन्हें समान सार्वजनिक-निजी साझेदारी में डिजिटलीकृत किया गया है।
यह न्यायसंगत कथन उस सामग्री के लिए उपयोग किया जाना चाहिए जिनके लिए संगठन ने उपलब्ध सामग्री को संयुक्त राज्य के कानूनों के तहत प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) से मुक्त रखा है। इस कथन का प्रयोग अज्ञात कार्यों (जिन्हें प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) में माना जाता है) या उन सामग्री के लिए नहीं किया जाना चाहिए जहां संगठन सामग्री उपलब्ध करने का इच्छुक है, अंतर्निहित कार्य की प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) स्थिति का पता लगाने के लिए प्रयास नहीं किया गया है।
यह न्यायसंगत कथन सार्वजनिक कार्यवर्ग (डोमेन) में मौजूद सामग्री के लिए उपयोग किया जाना चाहिए, किंतु मुक्त रूप से इनके पुनः प्रयोग की अनुमति से सामग्री, जैसे सांस्कृतिक विरासत या पारंपरिक सांस्कृतिक अभिव्यक्ति सुरक्षा, उपलब्ध कराने के इच्छुक संगठन को रोकने वाले ऐसे ज्ञात विधिक प्रतिबंधों के परिणामों की तरह स्वतंत्रतापूर्वक, पुनः प्रयोग नहीं किए जा सकते। इस न्यायसंगत कथन के निश्चयात्मक आदेश में सामग्री को उपलब्ध कराने के इच्छुक संगठन द्वारा सामग्री के पुन:
यह न्यायसंगत कथन केवल उन सामग्रियों के लिए उपयोग किया जा सकता है जो सार्वजनिक कार्यवर्ग (डोमेन) में हैं, किंतु सामग्री उपलब्ध कराने का इच्छुक संगठन, तीसरे पक्ष द्वारा सामग्री के प्रतिबंधित उपयोग संबंधी आवश्यक कदमों के लिए अनुबंध समझौता कर चुका है। इस न्यायसंगत कथन को निर्णायक बनाने के लिए, संगठन जो सामग्री उपलब्ध कराने का इच्छुक है, उसे सामग्री के उपयोग पर लागू होने वाले अनुबंध संबंधी प्रतिबंधों के कथन देने वाले पृष्ठ पर एक लिंक प्रदान करना चाहिए।
निम्नलिखित तीन न्यायसंगत कथनों का आशय उस डिजिटल सामग्री के संबंध में प्रयोग करना है जिसका प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) निश्चित रुप से निर्धारित किया जा सका है। इनका प्रयोग सिर्फ तभी किया जाना चाहिए जब अन्य किसी सुस्पष्ट न्यायसंगत कथन अथवा अनुज्ञप्ति का प्रयोग करना संभव नहीं है।
यह न्यायसंगत कथन उन सामग्री के लिए उपयोग किया जाना चाहिए जिनके लिए प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) स्थिति निश्चित रूप से निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन वह संगठन जो सामग्री उपलब्ध कराने का इच्छुक है, उसके पास यह विश्वास करने का पर्याप्त कारण है कि अंतर्निहित कार्य प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) या संबंधित अधिकारों के अंतर्गत नहीं आता है। इस कथन का प्रयोग अज्ञात कार्य (ऑर्फन वर्क्स) (जिन्हें प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) में माना जाता है) या उन सामग्री के लिए नहीं किया जाना चाहिए जहां सामग्री उपलब्ध करने के इच्छुक संगठन ने अंतर्निहित कार्य की प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) स्थिति का पता लगाने के लिए प्रयास नहीं किया है।
यह न्यायसंगत कथन उन सामग्रियों के लिए उपयोग किया जाना चाहिए जिनके लिए प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) स्थिति अज्ञात है, जहां सामग्री उपलब्ध करने के इच्छुक संगठन ने अंतर्निहित कार्य की प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) स्थिति का पता लगाने के लिए (असफल) प्रयास किया है। सामान्यतः यह न्यायसंगत कथन तब प्रयोग किया जाता है जब संगठन के पास प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) स्थिति के विषय में निर्णय करने के लिए सटीक मुख्य तथ्यों का अभाव है।
यह कथन उन सामग्री के लिए उपयोग किया जाना चाहिए जिनके लिए प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) स्थिति अज्ञात है, जहां सामग्री उपलब्ध करने के इच्छुक संगठन ने अंतर्निहित कार्य की प्रतिलिप्यधिकार (कॉपीराइट) स्थिति का पता लगाने के लिए प्रयास नहीं किया है।